NEWS

अगर आप राजस्थान कांग्रेस के सक्रीय सदस्य हैं तो कांग्रेस की इस वेब साइट www.RajPcc.com पर अपनी प्रोफाइल बनाये एवं राजस्थान प्रदेश के सभी कांग्रेसजनो से जुड़े ! For any query please call RajPcc.com @ 9214059214 -.

    Back To Profile

    02 Mar 2020

    राजस्थान विधानसभा में आज जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की अनुदान मांगों के सम्बन्ध में चर्चा का जवाब देते हुए प्रदेश के हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए सात संकल्पों के साथ आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण में सात संकल्पों को बजट की प्राथमिकता बनाते हुए ‘छठा संकल्प-पानी, बिजली एवं सड़कों का मान‘ के रूप में व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री जी द्वारा सात संकल्पों की भावना को आगे बढ़ाते हुए जलदाय विभाग की ओर से भी सात संकल्पों की परिकल्पना को सदन में प्रस्तुत किया। पहला संकल्प-प्रत्येक घर को शुद्ध पेयजल, दूसरा संकल्प-सतही स्रोतों से राज्य के अधिकतम भाग में पेयजल की आपूर्ति, तीसरा संकल्प-लीकेज व जल छीजत नियंत्रण, चौथा संकल्प-जल संरक्षण, अपशिष्ट जल, पुनर्चक्रण एवं पुर्नउपयोग को प्रोत्साहन, पांचवा संकल्प-सूचना, प्रौद्योगिकी तकनीकी, नवाचार एवं सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग, छठा संकल्प-शिकायतों का त्वरित निवारण एवं सेवा स्तर में सुधार तथा सातवां संकल्प-योजना क्रियान्वयन तथा संचालन में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने को बताया। इन संकल्पो को पूर्ण करने की प्रतिबद्धता जताते हुए बताया कि राज्य की जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए आगामी वर्ष में पेयजल पर बजट में 8 हजार 794 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें से 4 हजार 550 करोड़ रुपये पेयजल योजनाओं एवं कार्यों के क्रियान्वयन के लिए रखे गए है, जबकि शेष राशि का प्रावधान योजनाओं के रखरखाव एवं विद्युत बिल भुगतान जैसे कार्यों के लिए रखा गया है। विधानसभा में मांग संख्या 27 (पेयजल योजना) एवं मांग संख्या 46 (सिंचाई) तथा मांग संख्या 38 (लघु सिंचाई एवं भूमि संरक्षण) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दिया। चर्चा के बाद सदन ने पेयजल योजना की 74 अरब, 50 करोड़ 38 लाख 14 हजार रूपये एवं सिंचाई की 46 अरब, 5 करोड़ 41 लाख 64 हजार रूपये तथा लघु सिंचाई एवं भूमि संरक्षण की 1 अरब, 32 करोड़ 2 लाख 87 हजार रुपये की अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित कर दी। पूरे प्रदेश में शहरों की तर्ज पर ग्रामीण परिवारों को घर में ही पेयजल उपलब्ध करवाना, राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसी कड़ी में प्रथम चरण में वर्ष 2020-21 में 16 जिलों झुंझुनूं, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, झालावाड़, डूंगरपुर, पाली, भीलवाड़ा, टोंक, जयपुर, नागौर, बारां, अजमेर, कोटा, बूंदी, एवं करौली की 30 परियोजनाओं के कार्य प्रारम्भ किये जायेगें। इससे 4 हजार 327 गांवों एवं 9 हजार 159 ढाणियों के लगभग 9 लाख परिवारों को फायदा होगा। मौजूदा सरकार ने अब तक 2 वृहद् पेयजल परियोजनाओं का काम पूरा किया है। इनमें 73.93 करोड़ की लागत से इन्दरगढ़-चाकन पेयजल परियोजना तथा 80.80 करोड़ की लागत से चम्बल-भीलवाड़ा विस्तार में चम्बल-बूंदी कलस्टर परियोजना के कार्य शामिल है। इसके अलावा 12 शहरों को आंशिक, 1749 ग्राम एवं 1922 ढ़ाणियों की जनता को वृहद् पेयजल परियोजनाओं के माध्यम से सतही जल स्रोत के मीठे पेयजल से लाभान्वित करने का कार्य वर्तमान सरकार द्वारा कराया गया है। प्रदेश में हैण्डपम्पों की मरम्मत के लिए अभियान में अब तक राज्य के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 2 लाख 15 हजार हैण्डपम्पों की मरम्मत कर इन्हें चालू किया गया है। नये नलकूपों एवं हैण्डपंपों का निर्माण के कार्य भी कराए गए हैं। इसके साथ ही 3913 आरओ प्लांट्स स्वीकृत तथा इनमें से 3301 किए चालू किए गए हैं। राज्य में सौर ऊर्जा आधारित नलकूपों की स्थापना करने की पहल की गई है। इसके तहत प्रदेश में 939 सौर ऊर्जा आधारित संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं। विभाग में जल प्रदाय योजनाओं के तहत पेयजल गुणवत्ता जांच, सर्वेक्षण, नियत्रंण तथा निगरानी के लिए राज्य के सभी 33 जिलों में यंत्रों एवं उपकरणों से सुसज्जित प्रयोगशालाओं के अलावा राज्य के 20 जिलों में एक-एक सचल प्रयोगशाला की स्थापना की गई है, जो सम्बंधित जिलों की ग्राम पंचायतो में परीक्षण का कार्य कर रही है। मौजूदा सरकार ने राज्य के घरेलू पेयजल उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से बिलों पर प्रति माह 15 हजार लीटर तक उपभोग पर शत प्रतिशत छूट प्रदान की गई है। जयपुर शहर एवं जयपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बीसलपुर बांध से अतिरिक्त जल उपलब्ध कराने के लिए बीसलपुर जयपुर जल प्रदाय परियोजना स्टेज-प्रथम चरण-द्वितीय की स्वीकृति राशि रूपये 288.90 करोड़ तथा जयपुर शहर के बाहरी क्षेत्रों में विकसित पृथ्वीराज नगर योजना में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 563.93 करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी की गई है। नागौर जिले के मेडता शहर, डेगाना एवं लाडनूं में पेयजल वितरण तंत्र के पुर्नगठन के लिए क्रमशः 18.73 करोड़, 11.86 करोड़ एवं 14.41 करोड़ रुपये की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई हैं। साथ ही राज्य के शहरी क्षेत्रों में पेयजल योजनाओं में पुरानी जीर्ण-शीर्ण पाईप लाईनों को बदलने, के कार्यों के लिए 1344.03 करोड़ की स्वीकृति जारी की गई है। राज्य में पेयजल परियोजनाओं के लिए बजट की उपलब्धता भी एक गंभीर विषय है। पूर्व में वर्ष 2013 तक केन्द्र के राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत मरुस्थलीय क्षेत्रों के लिए 90ः10 के अनुपात से केन्द्रीय सहायता उपलब्ध करायी जाती थी, तत्पश्चात् इसे घटाकर 60ः40 एवं बाद में 50ः50 कर दिया गया था। इन कठिन, चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में प्रदेश को पेयजल समस्या का स्थाई समाधान करना काफी कठिन एवं अत्यधिक खर्चीला है। 2024 तक जलजीवन मिशन के तहत घर-घर नल से जल पहुंचाने के लिए करीब एक लाख 50 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता है। केन्द्र के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार इसका 50 प्रतिशत 75 हजार करोड़ रुपये है, जिसे राज्य देने की स्थिति में नहीं है। इसलिए केन्द्र सरकार इस बढ़ाकर 90 प्रतिशत करे। इसके लिए मुख्यमंत्री ने भी केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री को पत्र लिखा है और स्तर से भी मेरे द्वारा राज्य के सभी सांसदों को पत्र लिख राज्य के हितों की पैरवी करने का आग्रह किया गया है। पिछली गर्मियों के मौसम में भी वर्षा नहीं होने की स्थिति तक लोगों की चिंता को देखते हुए विभाग द्वारा प्रदेश में पेयजल प्रबंधन के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए थे। बाद में ईश्वर की मेहरबानी से बीसलपुर बांध भर गया। इस बार के लिए भी राज्य सरकार की पूरी तैयारी है। पानी की कमी किसी भी क्षेत्र में नहीं रहने देंगे और सबकी प्यास बुझाएंगे। इस बार गांवों के लिए 41 करोड़ तथा शहरों के लिए 24 करोड़ के कंटीजेंसी प्लान को भी मंजूरी दे दी गई है। राजस्थान के 13 जिलों यथा झालावाड, बांरा, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेंर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर एवं धौलपुर में मनुष्य एवं जानवरों के लिए वर्ष 2051 तक पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना की 37 हजार 247 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है। यह परियोजना रिपोर्ट केन्द्रीय जल आयोग को आवश्यक अनुमोदन के लिए भेजी गई है। प्रधानमंत्री ने भी इस योजना को राष्ट्रीय महत्व की योजना घोषित करने का वादा किया था। हाल में कोटा में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री ने भी यह स्वीकार किया इस योजना सहित तीन महत्पपूर्ण योजनाएं केन्द्र सरकार के स्तर पर विचाराधीन है। राज्य सरकार ने ईसरदा बांध पेयजल परियोजना का कार्य भी आरम्भ कर दिया है। इस परियोजना से दौसा एवं सवाई माधोपुर जिले के पांच कस्बों एवं 1195 गांवो में पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा।