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    25 Feb 2020

    विधानसभा में आज विधायक श्री अविनाश जी के मूल प्रश्न के जवाब में बताया कि जैतारण विधानसभा क्षेत्र में जवाई पेयजल परियोजना के पैकेज पंचम एवं कलस्टर परियोजना-तृतीय से गांवों को लाभान्वित करने का कार्य 76 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। इस विधान सभा क्षेत्र में 125 ग्रामों सहित कुल 133 ग्रामों (विधान सभा क्षेत्र, सोजत के 8 ग्राम सम्मिलित) में सतही जल स्रोत जवाई बांध आधारित जवाई पेयजल परियोजना के पैकेज पंचम एवं कलस्टर परियोजना-तृतीय से लाभान्वित करने के लिए कार्यादेशित अनुबंधक फर्म मैसर्स गेमन इंडिया लिमिटेड, मुम्बई द्वारा इसका कार्य माह अप्रैल, 2019 से नहीं किया जा रहा था। इसके बाद फर्म द्वारा दिनांक 06 दिसम्बर 2019 से परियोजना का कार्य पुनः प्रारम्भ किया गया तथा 02 फरवरी 2020 से कार्य पूर्ण रूप से बन्द है। फर्म द्वारा परियोजना का कार्य अधूरा छोड़ने एवं बंद कर देने तथा शेष रहे कार्य प्रारम्भ नहीं करने की स्थिति में अनुबंध की शर्तों के अनुसार विभाग द्वारा इसको आवंटित कॉन्ट्रेक्ट रिसाइण्ड करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। विधान सभा क्षेत्र जैतारण में सम्मिलित कुल 216 ग्रामों में से 125 ग्रामों की अभिकल्पित पेयजल मांग के अनुरूप ही परियोजना के विभिन्न अवयवों का अभिकल्पन करते हुए स्वीकृत परियोजना का 76 प्रतिशत कार्य अब तक पूर्ण किया जा चुका है। इस प्रगतिरत परियोजना में जैतारण क्षेत्र के शेष रहे 91 ग्रामों की पेयजल मांग सम्मिलित नहीं होने के कारण, इन ग्रामों को उक्त परियोजना से जोड़ा जाना तकनीकी रूप से व्यवहारिक नहीं है। जैतारण क्षेत्र में जवाई पेयजल परियोजना के लिए मैसर्स, गेमन इंडिया लिमिटेड, मुम्बई को राशि रूपये 315.50 करोड़ (निष्पादन लागत 291.84 करोड़ रुपये तथा संचालन एवं संधारण लागत 23.66 करोड रुपये) का कार्यादेश 04 अक्टूबर 2013 को जारी किया गया। परियोजना की निष्पादन लागत 291.84 करोड़ रुपये के विरूद्ध 221.70 करोड़ रुपये की राशि अब तक व्यय हुई है तथा 70.14 करोड़ रुपये की राशि वर्तमान में शेष रही है। जल संसाधन विभाग के अंतर्गत जवाई बांध के पुनर्भरण की योजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) मैसर्स वैप्कोस लिमिटेड, गुड़गांव द्वारा तैयार करने का कार्य प्रगतिरत है। परियोजना की हाइड्रोलॉजी का अनुमोदन केन्द्रीय जल आयोग, नई दिल्ली द्वारा किया जा चुका है तथा डिजाईन्ड फ्लड रिपोर्ट भी केन्द्रीय जल आयोग से प्राप्त हो चुकी है। सेडिमेन्टेशन एवं इन्टर स्टेट आसपेक्ट से संबंधित विषय केन्द्रीय जल आयोग में विचाराधीन है। डी.पी.आर. के फिजिबल पाये जाने पर स्वीकृति उपरांत आवश्यक संसाधनों की उपलब्धतानुसार कार्य कराया जाना विचाराधीन है।