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    17 May 2022

    मुख्यमंत्री निवास पर ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक करते हुए उत्पादन निगम को प्रदेश में स्थापित विद्युत उत्पादन इकाईयों के सुचारू संचालन और उत्पादन बढ़ाने के निर्देश दिए है। राज्य सरकार प्रदेश में सस्ती और निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है। कुशल विद्युत प्रबंधन से ही भीषण गर्मी के बावजूद विद्युत कटौती न्यूनतम कर आमजन को राहत प्रदान की जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा कोयले की समस्या से जूझ रहे राज्यों पर आयातित कोयले की खरीद का दबाव बनाया जा रहा है। ऊर्जा मंत्रालय, केंद्र सरकार द्वारा दिसंबर, 2021 में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम पर 4 प्रतिशत आयातित कोयला सम्मिश्रण के लिए एडवाइजरी जारी की थी, जिसे अप्रेल, 2022 में बढ़ाकर 10 प्रतिशत खरीदना अनिवार्य कर दिया गया है। इस आयातित कोयले का भाव कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा दिए जा रहे कोयले की कीमत से तीन गुना से भी अधिक है। इसकी कीमत करीब 1736 करोड रूपये आने की संभावना है, जो कि घरेलू कोयले की खरीद की कीमत से भी काफी अधिक है। आम उपभोक्ता पर आयातित कोयले के कारण पड़ने वाला अतिरिक्त भार चिंतनीय है। राज्य की विद्युत आवश्यकताओं को देखते हुए एग्रीमेंट के तहत आवश्यकता अनुसार कोयले की उपलब्धता कराई जाए। केंद्र सरकार से आयातित कोयले की खरीद की अनिवार्यता को हटाने का आग्रह है। विद्युत लाइनों से होने वाले हादसों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एक हादसे की पीड़ा वही महसूस कर सकता है जिसने हादसों में अपनों को गंवाया हो। इनकी रोकथाम के लिए प्रदेश में सर्वे कराए और वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर योजनाबद्ध तरीके से दुरूस्त और शिफ्टिंग कार्य कराए जाएं। संभावित दुर्घटना से बचाव के लिए पब्लिक नोटिस जारी करें। लाइनों के नजदीक होने वाले निर्माण कार्यों पर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करने के साथ ही इस बारे में स्पष्ट नीति बनाने के निर्देश दिए। हर व्यक्ति की जान को बचाना और हादसों को रोकना राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता है। प्रदेश में लंबित विद्युत कनेक्शन आवेदनों को जल्द से जल्द जारी कर आमजन को राहत प्रदान किया जाए। आगामी समय में विद्युत की मांग का आंकलन कर आवश्यकता अनुसार उत्पादन क्षमता बढ़ाई जाए। घरेलू, कृषि और औद्योगिक बिजली आपूर्ति में संतुलन बनाए रखने के लिए कार्ययोजना तैयार कर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। अधिकारियों को संपर्क पोर्टल, टोल फ्री हेल्पलाइन और विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों के तुरंत निस्तारण के निर्देश भी दिए। मीटर रीडिंग व बिलिंग संबंधी समस्याओं का समाधान व विद्युत छीजत में कमी लाने और उपभोक्ताओं का संतुष्टि स्तर बढ़ाने का कार्य प्राथमिकता से करें। बैठक में ऊर्जा राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी, मुख्य सचिव श्रीमती ऊषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा श्री भास्कर. ए. सावंत, आरवीपीएनएल के सीएमडी श्री टी. रविकांत, आरवीयूएनएल के सीएमडी श्री आर.के. शर्मा, ऊर्जा विभाग के सलाहकार श्री ए.के. गुप्ता सहित ऊर्जा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।