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    28 Sep 2019

    Speech in Bhilwara.. गांधी जी की 150 वीं जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में पूरे राजस्थान में प्रोग्राम चल रहा है और अब 3 जिले बाकी रह गए हैं, मेरा पहला प्रोग्राम भीलवाड़ा में है जहां मैं हाजिर हो सका और आप सबको देख कर के इस हॉल के अंदर, इस हॉल का शिलान्यास मैंने ही किया था यहां पर आप जिस रूप में बैठे हुए हैं बेहद खुशी हो रही है। जिस प्रकार महात्मा गांधी ने अपना जीवन जिया उन्होंने कहा मेरा जीवन ही मेरा संदेश है उसी संदेश को आगे पहुंचाने के लिए आपने प्रयास किया है। महात्मा गांधी के 150 वर्ष के उपलक्ष्य में पूरा देश इसी साल चुनाव पार्लिमेंट के हुए, असेंबली के हुए जिस रूप में महात्मा गांधी जैसे व्यक्ति की जयंती मनानी चाहिए उस ढंग से मैंने एहसास किया कि वह नहीं मनाई जा सकी देश के अंदर और प्रदेश के अंदर भी, इसलिए सरकार बनते ही हमने फैसला किया कि राजस्थान सरकार 2 अक्टूबर महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर बाद में भी लगातार एक साल और 150 वी जयंती, 151 वीं जयंती मनाएगी यह हमारा फैसला है। इसी रूप में प्रोग्राम चल रहे हैं और मैं आपको आह्वान करना चाहूंगा कि जिन्होंने अहिंसा के रास्ते पर चलकर के मुल्क को आजाद करवा दिया, अमिट छाप छोड़ी देश और दुनिया के अंदर उनका जीवन ही उनका संदेश है उन्होंने खुद ने कहा, वह महापुरुष के रूप में स्थापित है हमारे सामने और जिस रूप में उन्होंने संदेश दिया नौजवानों को, यहां की आवाम को, आजादी के अंदर करो या मरो का नारा दिया। यह देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था अंग्रेजो, राजा-महाराजाओं और जागीरदारों उससे निकल कर के हम आजाद हुई है और 70 साल का अरसा हो गया लगातार हम लोग यहां गांधी जी के सानिध्य में, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद जो नीतियां बनाई, कार्यक्रम पेश किए, जो सिद्धांत प्रतिपादित किए उसी पर देश चलता चलता आज यहां पर पहुंचा है। हमें गर्व है 70 साल में भी यहां पर लोकतंत्र कायम रहा। पाकिस्तान और हिंदुस्तान साथ साथ आजाद हुए थे, पाकिस्तान के अंदर बार-बार सैनिकों का शासन, प्रधानमंत्रियों को जेल और तो और मिस्टर भुट्टो को तो जो प्रधानमंत्री थे वहां के उन्हें जेल में डाल दिया और उसके बाद में फांसी लगा दी गई। हमारे देश में लोकतंत्र की जड़ें इतनी मजबूत हुई है यह गांधीजी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, अबुल कलाम आजाद उनकी सोच का परिणाम है। अनेकता में एकता वाला मुल्क है हमारा, अनेक जातियों और अलग-अलग धर्म है, बोलियां हजारों बोली जाती है उसके बाद भी हम लोग एक हैं। रशिया के टुकड़े हो गए 16 जो सुपर पावर थी दुनिया की अमेरिका की तरह, हमारा मूल आज 70 साल के बाद में भी एकजुट रहा, अखंड रहा यह गांधीजी का दिखाया हुआ रास्ता है। तो आप सोच सकते हो जिस गांधी को याद करने के लिए आप ही इक्कठे हुए मुझे खुशी है कि जिला प्रशासन यहां पर रैली भी निकाली, बड़ी संख्या में लोग शामिल हुई है उसके अंदर वह सब बधाई के पात्र हैं। अभी बाहर हमने देखी प्रदर्शनी रखी हुई है मुझे अच्छा लगा कि इस प्रदर्शनी में जिस प्रकार के बच्चों ने विचार प्रकट किए वह बहुत ही प्रभावित करने वाले थे इस प्रकार आप सोच सकते हैं कि नई पीढ़ी को महात्मा गांधी का संदेश पहुंचाना आवश्यक है इसलिए हमने तय किया है 1 साल जो बढ़ाया गया है महात्मा गांधी के जयंती को और 75 वी जयंती है राजीव गांधी की जिन्होंने 21 वी शताब्दी की बात करी, जिसके कारण आज मोबाइल भी आ गया हाथ में, इंटरनेट की सेवाएं आ गई, कंप्यूटर आ गए, पंचायत राज में संविधान में संशोधन होकर उनको अधिकार मिल गए समय पर चुनाव होने लग गए, 18 साल के नौजवान को मताधिकार दिया वह राजीव गांधी की सोच थी कि नई पीढ़ी जो है 18 साल के नौजवान को पहले 21 साल का था अधिकार, वह राजीव गांधी ने कहा कि नहीं देश की तकदीर का फैसला करने में 18 साल के नौजवान की भागीदारी होनी चाहिए कई क्रांतिकारी पहले उन्होंने किए, मानव संसाधन मंत्रालय बनाया तो उन्होंने बनाया पर दुर्भाग्य से वह हमारे बीच नहीं रहे शहीद हो गए। जिस प्रकार इंदिरा गांधी शहीद हुई प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए उनकी हत्या कर दी गई परंतु उन्होंने पंजाब को देश से अलग नहीं होने दिया, खालिस्तान नहीं बनने दिया देश एक और अखंड रहा अपनी जान की परवाह नहीं करी। उन्होंने कहा मरने के पहले कि मुझे मालूम है कि मेरी जान जा सकती है अगर मेरी जान जाएगी तो मेरे खून का एक एक कतरा इस देश को मजबूती प्रदान करेगा। तो आप सोच सकते हो कि यह नेता हमारे हुए हैं जिन्होंने आजादी के पहले भी त्याग और बलिदान किए, जेलों में बंद रहे चाहे महात्मा गांधी हो पंडित नेहरू हो सरदार पटेल हो कोई 5 साल, कोई 10 साल , कोई 12 साल तक जेलों में बंद रहे हैं तब जाकर के हमें यह कीमती आजादी मिली है। तो मैं यह कहना चाहूंगा इस मौके पर यह जो 1 साल हमने बढ़ाया है राजस्थान के अंदर यह मैं चाहूंगा कि नई पीढ़ी को समर्पित हो, नई पीढ़ी तक महात्मा गांधी का संदेश पहुंचे। नई पीढ़ी से मैं आह्वान करना चाहूंगा एक-एक नौजवान को, एक एक व्यक्ति को कम से कम जो महात्मा गांधी का लिखा हुआ है जीवनी कह दीजिए उसको 'शक्ति के प्रयोग' मैंने उसको दो-तीन बार पढ़ा है, मैंने कोई महात्मा गांधी का बहुत बड़ा अध्ययन नहीं किया है खाली मैंने उनकी जीवनी को दो-तीन बार पढ़ा है और उससे बहुत कुछ सीखने का प्रयास किया है। मेरा आप सब से निवेदन है, आग्रह है आपके माध्यम से प्रदेश के नौजवानों को मैं कहना चाहूंगा इस मंच से कम से कम जीवन में आप महात्मा गांधी की जीवनी अवश्य पढ़ें सत्य के प्रयोग, उसमे आपकी जिंदगी की सोच, आपका व्यवहार, आपका व्यक्तित्व और आपका कृतित्व सब बदल जाएगा यह मैं दावे के साथ कह सकता हूं।