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    17 Sep 2019

    सामाजिक अधिकारिता शिविर। आज यहां राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों एवं एडिप योजना के तहत दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरण के लिए आयोजित इस शिविर में आप सबके बीच आकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। मैं सबसे पहले केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, डॉ. थावरचंद जी गहलोत और शिविर में उपस्थित सभी वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांग भाई बहनों का स्वागत करता हूं। वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग समाज के महत्वपूर्ण अंग हैं। वरिष्ठ नागरिकों के ज्ञान और अनुभव से बहुत कुछ सीखा, समझा और पाया जा सकता है। इसी प्रकार दिव्यांग नागरिकों की कार्यकुशलता और विशेषताओं के अनुरूप उन्हें सम्बल प्रदान कर समाज में उनकी सक्रिय भागीदारी बढ़ाई जा सकती है। दिव्यांगजन को सहानुभूति की बजाय संबल प्रदान करने की आवश्यकता अधिक है। मुझे बताया गया कि जयपुर जिले में भारत सरकार की राष्ट्रीय वयोश्री योजना के अन्तर्गत बीपीएल श्रेणी के वरिष्ठ नागरिकों को एलिम्को कानपुर की टीम द्वारा 16 जुलाई से 6 अगस्त, 2019 तक चिन्हीकरण किया गया। इनमें से पात्र चिन्हित 5298 वरिष्ठ नागरिकों को व्हील चैयर, श्रवण यंत्र, वॉकिंग स्टिक, चश्मा इत्यादि कुल 13307 कृत्रिम अंग/उपकरण वितरित किये जाने हैं। ऽ इसी प्रकार भारत सरकार की एडिप योजना के अन्तर्गत एलिम्का,े कानपुर की टीम द्वारा दिव्यांगजनों का 15 अक्टूबर से 18 अक्टूबर, 2015 के मध्य चिन्हीकरण किया गया। चिन्हीकरण के बाद पात्र कुल 617 दिव्यांगजनों को व्हील चैयर, श्रवण यंत्र, वॉकिंग स्टिक इत्यादि 843 कृत्रिम अंग/उपकरण वितरित किये जाने हैं। योजना के तहत जयपुर जिले के कुल 5915 पात्र वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगजनों को 385.75 लाख रुपये के 14150 कृत्रिम अंग/उपकरणों का वितरण किया जा रहा है। बी.पी.एल. के वरिष्ठ नागरिकों को स्वावलम्बी एवं आत्म सम्मान के साथ जीवन यापन के लिए राष्ट्रीय वयोश्री योजना में राज्य के 6 जिलों झालावाड़, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, पाली एवं भीलवाड़ा का चयन किया गया है। यह राज्य का दूसरा शिविर है। इससे पूर्व झालावाड़ जिले में शिविर आयोजित किया जा चुका है। राष्ट्रीय वयोश्री योजना गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले देश के वरिष्ठ नागरिकों को शारीरिक सहायता उपकरण प्रदान करने की योजना है। यह केन्द्र प्रवर्तित योजना है जिसका पूर्ण वित्तीय भार केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इस योजना की क्रियान्विति पर होने वाला व्यय भार वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष द्वारा उठाया जाता है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की पालना में विशेष योग्यजनों को सरकारी सेवाओं में 4 प्रतिशत का आरक्षण का लाभ दिलवाया गया। विशेष अभियान चलाकर राज्य के 10.36 लाख विशेष योग्यजनों को पंजीकृत कर 3.35 लाख विशेष योग्यजनों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किये गये। इनमें से लगभग 3.10 लाख विशेष योग्यजनों को यू.डी.आई.डी कार्ड उपलब्ध कराया गया। राजस्थान यू.डी.आई.डी कार्ड जारी कराने में अग्रणीय राज्य है। सुगम्य भारत अभियान के अतंर्गत जयपुर शहर के 90 सार्वजनिक भवनों तक विशेष योग्यजनों की पहुंच को सुगम बनाने के लिये राजस्थान को वर्ष 2018 में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। मानसिक विमंदित महिला एवं बाल पुनर्वास गृह, जामडोली, जयपुर को माह अगस्त 2019 में राष्ट्रीय स्तर के स्कॉच अवार्ड से सम्मानित किया गया। वर्ष 2018-19 में मानसिक विमंदित पुनर्वास गृह, जामडोली, जयपुर में मानसिक मंदता के क्षेत्र में शिक्षण प्रशिक्षण केन्द्र प्रारम्भ किया गया। राजस्थान के दिव्यांगजन की समस्याओं के निराकरण हेतु 26 अगस्त, 2019 से टोल-फ्री नम्बर 1800-180-6127 स्थापित किये गये हैं। वर्ष 2018-19 में चलने-फिरने में कठिनाई महसूस करने वाले 556 विशेष योग्यजनों को मोटराईज्ड-टाई साईकिल (स्कूटी) वितरित की गई। वर्ष 2018-19 में राज्य में 41508 विशेष योग्यजनों को कृत्रिम अंग उपकरण प्रदान कर लाभान्वित किया गया। इसमें भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति, जयपुर, नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर एवं एलिमको का सहयोग रहा है। माह फरवरी, 2019 में विशेष योग्यजनों के लिय जोधपुर में खेलकूद प्रतियोगिता तथा मई, 2019 में जयपुर के एस.एम.एस. स्टेडियम में दृष्टिबाधित श्रेणी के विशेष योग्यजनों के लिये क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। राज्य सरकार द्वारा एकल नारी (विधवा) पेंशन, वृद्धावस्था एवं विशेष योग्यजन की न्यूनतम मासिक पेंशन 500 से बढ़ाकर 750 रुपये प्रतिमाह की गई है। साथ ही कुष्ठ रोग से मुक्त व्यक्तियों को पूर्व में मिल रही मासिक पेंशन 250 से बढ़ाकर 750 रुपये दी जा रही थी उसे बढ़ाकर कुष्ठ रोग से मुक्त सभी व्यक्तियों को 1500 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन से जरूरतमंद को सीधी मदद होती है। हमारी सरकार ने वृद्धावस्था, विधवा एवं निशक्त पेंशन बढ़ाने का कल्याणकारी निर्णय लिया है। आम जनता ने पेंशन 500 से बढ़ाकर 750 एवं 750 से बढ़ाकर 1 हजार किए जाने का खुले मन से स्वागत किया है। इस बढ़ोतरी से 62 लाख से अधिक पेंशनरों को लाभ मिला है। राज्य सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों को मिल रही पेंशन को भी बढ़ा दिया है। हमने विभाग का सालाना बजट प्रावधान 51 प्रतिशत बढ़ाकर 8 हजार 970 करोड़ रुपये कर दिया है जो हमारी सरकार की संवेदनशीलता का परिचायक है। 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके पालनहार योजना के लाभार्थियों को आवास सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से एक नवीन आवासीय पालनहार छात्रावास की स्थापना की जा रही है। मानसिक रूप से पीड़ित ऐसे व्यक्ति जो अस्पताल में ठीक हो गए हैं, लेकिन विभिन्न कारणों से अपने घर नहीं लौट पाते हैं, उनके पुनर्वास हेतु जयपुर और जोधपुर में 50-50 व्यक्तियों की क्षमता के हॉफ-वे-होम की स्थापना की जा रही है। हॉफ-वे-होम में चिकित्सा कर्मियों द्वारा उनकी नियमित देखभाल की व्यवस्था है। राज्य सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों की जीवन में तीर्थ यात्रा करने की उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए समाज के सभी समुदायों के लिए वर्ष-2013 से वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना का शुभारंभ किया। इस साल 5000 वरिष्ठ नागरिकों को 7 तीर्थ स्थलों की रेल मार्ग से और 5000 वरिष्ठ नागरिकों को हवाई जहाज से पशुपतिनाथ, काठमांडू (नेपाल) सहित 9 तीर्थों की यात्रा करवाई जायेगी। इन यात्राओं में तीर्थया़ित्रयों के लिये आवास, भोजन एवं अन्य सभी सुविधाएं निःशुल्क हैं। नई सिलिकोसिस नीति लाई जा रही है। जयपुर को भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाने के लिए हम संकल्पबद्ध हैं। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में अब हमने 21 हजार रुपये की सहायता देना तय किया है। स्थानीय निकाय/नगरीय विकास एवं आवासन विभाग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती के ऐतिहासिक अवसर पर सामाजिक एवं धार्मिक कार्याें में अग्रणी चेरिटेबल संस्थाओं को राज्य के नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में लोक उपयोगी सुविधाओं जैसे चिकित्सा सुविधाएं, शैक्षणिक सुविधाएं, वृद्धाश्रम, अनाथालय, नारी निकेतन, कुष्ठ आश्रम, धर्मशाला, निःश्क्तजन केन्द्र, नशामुक्ति केन्द्र, कन्या आश्रम, बालगृह आदि के विकास को प्रोत्साहित किए जाने की दिशा में कृषि से अकृषि प्रयोजनार्थ नियमन हेतु निर्धारित प्रीमियम दरों, भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क एवं भवन निर्माण अनुज्ञा शुल्क में शत-प्रतिशत छूट देना तय किया है। गरीब और बेसहारा लोगों को दी जाने वाली पेंशन उनके जीवनयापन का एकमात्र सहारा होती है। हमने अपने पिछले सेवाकाल में इन जरूरतमंद लोगों के प्रति उदार एवं संवेदनशील नजरिया अपनाते हुए सामाजिक पेंशन नियमों एवं प्रक्रियाओं को काफी सरल बनाया था और लाखों योग्य व्यक्तियों को पेंशन स्वीकृत की गई थी। परन्तु पिछली सरकार द्वारा की गई उपेक्षा की मार से यह वर्ग भी नहीं बच सका। सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसी कल्याणकारी योजना में भी पिछली सरकार की नीतियां राजनीति से प्रेरित रहीं लेकिन हमारी सरकार इन जरूरतमंद लोगों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। वरिष्ठ नागरिकों का सवाल हो या दिव्यांगजन का, हमारी सरकार संवेदनशीलता के साथ इनके कल्याण के लिए संकल्पबद्ध है। इन्हीं शब्दों के साथ एक बार फिर आप सबको इस शिविर के सफल आयोजन के लिये बधाई देते हुए अपनी बात समाप्त करता हूं। धन्यवाद, जयहिन्द ! ---